
नमस्कार, गोल्ड यानि सोना किसे नहीं पसंद, पुराने जमाने से गोल्ड को आभुषण के अलावा निवेश के लिए भी एक बहुत बेहतरीन विकल्प माना जाता आ रहा है और पिछले 10 सालों में गोल्ड ने करीब 12% -15% का रिटर्न दिया है।
मगर आज कल फिजिकल के साथ साथ डिजिटल के रूप में भी गोल्ड को खरीदा और बेचा जा सकता है या फिर उसमें निवेश भी किया जा सकता है जिसका एक उदाहरण है गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से गोल्ड ईटीएफ के वारे में सबकुछ बारीकी से जानते हैं।
ईटीएफ (ETF) क्या होता है ?
ईटीएफ (ETF) का फुलफॉर्म है Exchange Traded Fund जो की म्यूच्यूअल फण्ड के तरह होता है जिनमें आप पूंजी निवेश कर सकते हैं और आपके तरफ से उस ईटीएफ मैनेजमेंट के द्वारा उसके अंतर्गत आने वाले स्टॉक्स, कमोडिटी या गोल्ड जैसी चीजों में निवेश करते हैं जिसके बदले उनको कुछ एक्सपेंस चार्ज दिया जाता है।
मगर म्यूच्यूअल फंड के बिपरीत ईटीएफ स्टॉक मार्किट में कम्पनियों के स्टॉक्स की तरह लिस्टेड होते हैं और इन्हें खरीदने के लिए डीमैट अकाउंट की जरुरत पड़ती है।
ईटीएफ के उदाहरण : DSP Nifty 50 ETF, Kotak PSU Bank ETF, Axis Gold ETF
गोल्ड ईटीएफ क्या है ?
जैसे की हम ने जाना की Nifty 50 का ईटीएफ शेयर मार्किट के टॉप 50 कंपनियों में अपने निवेशकों का पूंजी निवेश करते हैं तो उसी तरह गोल्ड ईटीएफ में लगाए हुए पैसों को गोल्ड में निवेश किया जाता है जिनका प्राइस बाजार में गोल्ड के प्राइस के अनुसार बढ़ते घटते रहता है।
संक्षेप में, गोल्ड ईटीएफ भौतिक सोने का प्रतिनिधित्व करने वाली इकाइयाँ हैं जो कागज या डीमैटरियलाइज्ड रूप में हो सकती हैं। एक गोल्ड ईटीएफ यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होता है और यह बहुत उच्च शुद्धता के भौतिक सोने द्वारा समर्थित होते है। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक निवेश के लचीलेपन और सोने के निवेश की सरलता को जोड़ती है।
भारतीय स्टॉक मार्किट में लिस्टेड कुछ गोल्ड ईटीएफ उदहारण : Nippon India ETF Gold Bees, Axis Gold ETF, UTI gold ETF, Kotak gold ETF आदि
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ईटीएफ से जुड़े हुए कुछ टर्म
1. NAV (Net Asset Value)
नेट एसेट वैल्यू (NAV) एक निवेश फंड की संपत्ति का शुद्ध मूल्य होता है, जो कि बकाया शेयरों या गोल्ड यूनिट्स की संख्या से विभाजित होता है। म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) के संदर्भ में सबसे अधिक उपयोग किया जाता है।
2. AUM (Asset Under Management)
एसेट अंडर मैनेजमेंट यानि AUM किसी विशेष म्यूचुअल फंड या ETF की कुल संचयी निवेश राशि होता है। एक एसेट के मूल्य और पूंजी को मिलाकर यह समग्र बाजार मूल्य का प्रतिनिधित्व करता है जो कि फंड रखता है ।
मतलव ईटीएफ के AUM के वैल्यू से हमें यह पता चलता है की कितने निवेशकों ने उसमें पैसे डाले हैं और ज्यादा AUM का मतलव हम ज्यादा विश्वास योग्य मान सकते हैं।
3. Expense Ratio
Expense Ratio एक शुल्क है जो निवेशकों से म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) द्वारा वसूला जाता है। यह शुल्क प्रशासन, पोर्टफोलियो प्रबंधन, विपणन और अन्य से जुड़ी लागतों को कवर करता है। ये शुल्क आमतौर पर प्रतिशत आधारित होते हैं और निवेशक की वार्षिक लागत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
एक एक्सपैंसे रेश्यो निवेशकों को यह सूचित करने में मदद करता है कि ईटीएफ या उनके द्वारा खरीदे गए म्यूचुअल फंड की कीमत का कितना हिस्सा रखरखाव और अन्य खर्चों के लिए लग रहा है।
एक निवेशक द्वारा किसी फंड के लिए भुगतान किया जाने वाला Expense Ratio किसी भी कमीशन या अन्य ट्रांज़ैक्शन शुल्क से अलग होता है जो वे निवेश करने के लिए भुगतान करते हैं। जबकि ट्रांज़ैक्शन शुल्क एक बार ही लगता है जब आप एक निवेश खरीदते या बेचते हैं पर एक्सपेंस रेश्यो प्रत्येक वर्ष लागू होता है।
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गोल्ड ईटीएफ बनाम अन्य विकल्प
1. गोल्ड ईटीएफ बनाम फिजिकल गोल्ड
- भौतिक सोने की शुद्धता 99.5% हो भी सकती है और नहीं भी मगर गोल्ड ईटीएफ में पारंपरिक गोल्ड बुलियन (99.5% शुद्धता वाला सोना) में निवेश करते हैं। एक निवेशक ईटीएफ की इकाइयों का मालिक होता है जिसका मूल्य भौतिक सोने के बाजार मूल्य से निर्धारित होता है।
- भौतिक सोने की कीमतें हर जगह एक समान नहीं होती है जबकि ईटीएफ में मूल्य निर्धारण अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार एक समान होता है और हमेशा पारदर्शी होता है।
- सोने के बिस्कुट या सिक्के 10 ग्राम के मानक मूल्यवर्ग में उपलब्ध हैं। इसलिए, फिजिकल गोल्ड में निवेश करने के लिए भारी निवेश की आवश्यकता होती है वहीं गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स में खरीदे जाते हैं, और ईटीएफ की 1 यूनिट 1 ग्राम सोने के बराबर होती है। इसलिए, ये निवेशकों के लिए एक किफायती विकल्प जिसमे निवेश के लिए कम पूंजी की आवस्यकता होती है।
- सोने के आभूषण खरीदने पर मेकिंग चार्ज के रूप में सोने के कुल मूल्य का 20% – 30% भुगतान करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ का एक्सपेंस रेश्यो 1% और ब्रोकरेज शुल्क लगभग 0.5% या उससे कम होता है।
- यदि किसी व्यक्ति के पास 30 लाख रुपये से अधिक का सोना है, तो उन्हें 1% संपत्ति कर का भुगतान करना पड़ेगा मगर गोल्ड गोल्ड ईटीएफ में कोई वैल्थ टैक्स नहीं लगता है।
- फिजिकल गोल्ड पर 3 साल बाद 20% का कैपिटल गेन टैक्स लगता है जहाँ पर गोल्ड ईटीएफ में इसका मूल्य सेस के साथ 20.8% का होता है।
- सोना किसी भी बैंक या ज्वैलर्स से आसानी से खरीदा जा सकता है और इन्हें दुनिया में कहीं भी ज्वैलर्स के जरिए एक्सचेंज किया जा सकता है। गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड होते हैं, और इसलिए ट्रेडिंग इक्विटी के रूप में खरीदना और बेचना उतना ही आसान है।
- फिजिकल गोल्ड के चोरी होने का खतरा होता है और बैंक लॉकर में रखें तो उसका खर्चा अलग मगर गोल्ड ईटीएफ में ऐसा कोई असुबिधा नहीं होता है।
2. गोल्ड ईटीएफ बनाम गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड
- गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता के भौतिक सोने में निवेश करते हैं जो बैंकों से प्राप्त होता है और आरबीआई द्वारा अनुमोदित होता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम हैं जो गोल्ड ईटीएफ में निवेश करती हैं।
- ईटीएफ में न्यूनतम निवेश राशि मौजूदा कीमत पर 1 ग्राम सोने के बराबर होती है और म्यूच्यूअल फण्ड में SIP के रूप में न्यूनतम निवेश राशि रु. 1000 होता है।
- गोल्ड ईटीएफ में SIP नहीं हो सकता, केवल लम्प सम अमाउंट में निवेश किया जाता है वहीं गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड में लम्प सम और SIP दोनों तरीकों से निवेश किया जा सकता है।
- गोल्ड ईटीएफ के मुकावले गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड में एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा होता है जो की अच्छा नहीं है।
- ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकॉउंट की जरुरत पड़ती है मगर गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए डीमैट अकॉउंट की जरुरत नहीं पड़ती है।
- ईटीएफ में कोई एग्जिट लोड नहीं लगता मगर गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड में एक साल से पहले पैसे निकाल ने पर एग्जिट लोड चार्ज देना पड़ता है।
- निवेशकों के पास गोल्ड ईटीएफ को फिजिकल गोल्ड में बदलने का विकल्प होता है। गोल्ड म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा विकल्प है। निवेश पूंजी एक फण्ड के रूप में रहता है।
3. गोल्ड ईटीएफ बनाम गोल्ड बॉन्ड
- गोल्ड बांड RBI के द्वारा दिया जाता है जहाँ पर गोल्ड ETF स्टॉक मार्किट में लिस्टेड होते हैं।
- दोनों में ही शुद्धता और सुरक्षा में कोई असुबिधा नहीं होता है।
- गोल्ड बॉन्ड में गोल्ड ईटीएफ के मुकावले ज्यादा रिटर्न मिलता है।
- ईटीएफ में 3 साल वाद लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। गोल्ड बॉन्ड में भी यह टैक्स लगता है मगर मेच्यूरिटी होने के वाद रीडीम करने पर इसमें कोई भी टैक्स नहीं लगता है।
- गोल्ड ईटीएफ के बदले लोन नहीं लिया जा सकता लेकित गोल्ड बॉन्ड के बदले में लोन लिया जा सकता है।
- दोनों हीं स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड हो सकते हैं।
- गोल्ड बांड के बदले फिजिकल गोल्ड नहीं निकाला जा सकता जबकि गोल्ड ईटीएफ के बदले निकाला जा सकता है।
4. गोल्ड ईटीएफ बनाम डिजिटल गोल्ड
- डिजिटल गोल्ड भौतिक सोने का एक विकल्प है जहां डिजिटल सोने की खरीद की प्रत्येक यूनिट 99.9% 24K शुद्ध सोना होता है और गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता के भौतिक सोने में निवेश करते हैं जहां फंड हाउस इसे बैंकों से प्राप्त करते हैं। वे आरबीआई द्वारा अनुमोदित हैं।
- भारत में, केवल तीन कंपनियां डिजिटल सोना प्रदान करती हैं, जैसे की – ऑगमोंट एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड- राज्य के मालिकाना वाली धातु और खनिज व्यापार निगम (MMTC), प्रोडुइट्स आर्टिस्टिक्स मेटौक्स प्रेसीक्स, स्विट्जरलैंड (PAMP) – डिजिटल गोल्ड इंडिया प्रा लिमिटेड और वहीं भारत में विभिन्न एएमसी गोल्ड ईटीएफ प्रदान करते हैं।
- डिजिटल गोल्ड में न्यूनतम निवेश राशि आमतौर पर 100 रुपये है और ईटीएफ में न्यूनतम निवेश 1 यूनिट है जो 1 ग्राम सोने के बराबर होता ह।
- दोनों ही निवेश में चाहें तो फिजिकल गोल्ड निकाल सकते हैं।
क्या गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना चाहिए ?
सोना निवेश के लिए एक बहुत ही अच्छा विकल्प है क्यों की इसे कभीभी बेचा जा सकता है और पिछले कुछ सालों से गोल्ड ने अच्छा रिटर्न भी दिया है।

अगर आप निवेश के उद्देश्य से गोल्ड खरीदना चाहते हैं तो बेसक फिजिकल गोल्ड से गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है मगर गोल्ड में निवेश करने के लिए गोल्ड बांड्स को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है कियों की इसमें निवेशकों का बहुत सारा टैक्स बचता है और इसे भी गोल्ड ईटीएफ के तरह अपने डीमैट अकॉउंट में ट्रेड किया जा सकता है।
FAQ :
ETF का फुलफॉर्म क्या है ?
ईटीएफ (ETF) का फुलफॉर्म है Exchange Traded Fund
क्या गोल्ड में निवेश करना चाहिए ?
हाँ, अपने इन्वेस्टमेंट का कुछ हिस्सा गोल्ड में जरूर निवेश कर सकते हैं क्यूंकि इसका लिक्विडिटी अच्छा होता है और जब स्टॉक मार्किट गिरता है ता गोल्ड का भाव बढ़ता है।
क्या गोल्ड ईटीएफ से असली गोल्ड निकाला जा सकता है ?
हाँ, गोल्ड ईटीएफ में पैसे सबसे सुद्ध गोल्ड में हीं निवेश होते हैं और अपने बड़े इन्वेस्टमेंट से आप उसी अमाउंट के गोल्ड को मंगा सकते हैं।