ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी क्या है ? What is blockchain technology in hindi

blockchain technology

एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहां आप बिना बैंक के किसी को कहीं पर भी सीधे पैसे भेज सकते हैं – दिनों के बजाय सेकंड में, और आप अत्यधिक बैंक शुल्क का भुगतान नहीं करते हैं ।

जहां आप एक ऑनलाइन वॉलेट में पैसा जमा करते हैं जो बैंक से जुड़ा नहीं है, जिसका अर्थ है कि आप अपने स्वयं के बैंक हैं और आपके पैसे पर पूरा नियंत्रण है। आपको इसे एक्सेस करने या स्थानांतरित करने के लिए बैंक की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, और किसी तीसरे पक्ष द्वारा इसे ले जाने, या सरकार की आर्थिक नीति में हेरफेर करने के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है ।

में ये कोई भविष्य की बात नहीं कर रहा हूं क्योंकि कुछ इसी प्रकार से काम करता है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी तो आइए इसके बारे में संपूर्ण तथ्य विस्तार से जानें ।

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Blockchain technology क्या है ?

ब्लॉकचेन एक वितरित डेटाबेस है जिसे कंप्यूटर नेटवर्क के नोड्स के बीच साझा किया जाता है। एक डेटाबेस के रूप में, एक ब्लॉकचेन डिजिटल प्रारूप में इलेक्ट्रॉनिक रूप से जानकारी संग्रहीत करता है।

लेन-देन के सुरक्षित और विकेन्द्रीकृत (decentralised) रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए, बिटकॉइन जैसे क्रिप्टो करेंसी सिस्टम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए ब्लॉकचेन सबसे अच्छी तरह से जाने जाते हैं ।

मतलब ब्लॉकचेन तकनीक को सबसे सरल रूप से एक विकेन्द्रीकृत, वितरित खाता बही के रूप में परिभाषित किया जाता है जो एक डिजिटल संपत्ति के उद्भव को रिकॉर्ड करता है। अंतर्निहित डिज़ाइन द्वारा, ब्लॉकचेन पर डेटा को संशोधित या हैक (hack) नहीं किया जा सकता है, जो इसे बैंक, साइबर सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों के लिए एक आवश्यक और कारगर टेक्नोलॉजी है।

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का इतिहास :

1991 में वैज्ञानिक स्टुअर्ट हैबर और डब्ल्यू स्कॉट स्टोर्नेटा द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक का वर्णन किया गया था ।

वे डिजिटल दस्तावेजों पर टाइम-स्टैम्पिंग के लिए एक कम्प्यूटेशनल रूप से व्यावहारिक समाधान पेश करना चाहते थे ताकि उन्हें छेड़छाड़ न किया जा सके। वे समय-मुद्रित दस्तावेजों को संग्रहीत करने के लिए ब्लॉकों की क्रिप्टोग्राफिक रूप से सुरक्षित श्रृंखला की अवधारणा का उपयोग करके एक प्रणाली विकसित करते हैं।

1992 में, मर्कल ट्री(Merkle Trees) को डिजाइन में शामिल किया गया था, जो एक ब्लॉक में कई दस्तावेजों को एकत्र करने की अनुमति देकर ब्लॉकचेन को अधिक कुशल (efficient) बनाता है ।

2004 में, कंप्यूटर वैज्ञानिक और क्रिप्टोग्राफिक कार्यकर्ता हैल फिन्नी ने डिजिटल कैश के लिए एक प्रोटोटाइप के रूप में पुन: प्रयोज्य प्रूफ ऑफ वर्क (RPoW) नामक एक प्रणाली की शुरुआत की। यह क्रिप्टोकरेंसी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण प्रारंभिक कदम था।

इसके अलावा, 2008 में, सातोशी नाकामोटो ने वितरित ब्लॉकचेन के सिद्धांत की अवधारणा की। वह विश्वसनीय पार्टियों द्वारा हस्ताक्षर किए बिना प्रारंभिक श्रृंखला में ब्लॉक जोड़ने के लिए एक अनोखे तरीके से डिजाइन में सुधार करता है। संशोधित साखाओं में डेटा एक्सचेंजों का एक सुरक्षित इतिहास का डाटा होगा।

और इसी तरह 2008 में, सातोशी नाकामोटो ने बिटकॉइन (BITCOIN) को बनाया था जो की आज किस स्तर पर है आप सायद जानते होंगे ।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इतना पॉपुलर कैसे हुआ ?

जब पहली बार blockchain technology को यूज कर के बिटकॉइन को बनाया गया था तब उसका मूल उद्देश्य था पूरी दुनिया में एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी के रूप में यूज किया जाना मगर अगले 4-5 सालों तक बिटकॉइन का मूल्य जीरो था क्योंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को समझ ना लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल था ।

बाद में जब लोगों ने इस टेक्नोलॉजी को जमझा और उसमें इन्वेस्ट और ट्रेडिंग भी करना चालू कर दिया तब बिटकॉइन का दाम बढ़ने लगा जहां आज एक बिटकॉइन का मूल्य करीब 30 लाख है ।

इसी तरह ज्यादा सुरक्षा और बिकेंद्रीकरण (decentralisation) टेक्नोलॉजी की वजह से ब्लॉकचेन पॉपुलर होने लगा और क्रिप्टो करेंसी के अलावा भी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए और बहुत से बहुत से जगहों पर यूज किया जाने लग रहा है जैसे की :

  • Hospitals
  • Colleges
  • Government ofices
  • NFT (Non Fungible Token)
  • Metaverse

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के प्रकार :

एक ब्लॉकचेन नेटवर्क में जितने भी लोग जुड़ते हैं उनको दिए जाने वाले कार्य या कोई चेंज करने की अनुमति यानी परमिशन के आधार पर ब्लॉकचेन टेक्नोलोजी 2 प्रकार के होते हैं ।

  1. Permission less blockchain
  2. Permissioned blockchain

Permission less ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ?

जैसे की नाम से पता चल रहा है की Permission less ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में किसीको कोई भी चीज के लिए किसी से अनुमति नहीं लेना पड़ता है ।

परमिशन लेस ब्लॉक्चेन नेटवर्क के अंदर कोई भी मुख्य करता यानी सेंट्रलाइज्ड हेड नहीं होता है इसीलिए अगर कोई भी चाहे तो आसानी से उस ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़ सकता है और बिना किसी की परमिशन के Ledger transactions maintain और crypto mining आदि काम कर सकता है ।

Use : Permission less blockchain technology आम तौर पर बिटकॉइन और इथेरियम आदि क्रिप्टो करेंसी को बनाने के लिए यूज किया जाता है ।

इसीलिए इन्हें डिसेंट्रलाइज्ड कॉइन कहा जाता है और कोई भी चाहे तो क्रिप्टो करेंसी के ब्लॉकचेन नेटवर्क से जुड़ कर बिना किसके अनुमति के उस क्रिप्टी करेंसी की माइनिंग कर सकता है ।

Permissioned ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ?

Permissioned blockchain technology में ब्लॉकचेन नेटवर्क का कोई मुख्य परिचालक होते जिनके अनुमति के बिना उस blockchain नेटवर्क में कोई भी जुड़ नहीं सकता है ।

permissioned blockchain नेटवर्क से किसीको जुड़ने के लिए या कोईभी चेंज करने के लिए उस ब्लॉकचेन नेटवर्क के मुख्य परिचालक से अनुमति लेना पड़ता है ।

permissioned blockchain नेटवर्क का मुख्य परिचालक जिसको जितना क्षमता प्रदान करता है वो उस ब्लॉकचेन नेटवर्क में बस उतना है काम कर पाता है ।

Use : permissioned blockchain technology आम तौर पर बिजनेस इंडस्ट्री को ज्यादा आकर्षित कर रहा है और कई बिजनेस के अंदर इसका यूज किया जा रहा है क्योंकि कम खर्च में ज्यादा सुरक्षित तरीके से बिजनेस को चलाने का यह एक बहुत ही अच्छा साधन है ।

ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के Key eliments :

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को विस्तार से समझ ने के लिए चलिए जानते हैं blockchain से जुड़े हुए कुछ ऐसे टर्म जिनके आधार पर ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी काम करता है ।

  1. DLT (Distributed ledger technology)
  2. BLOCK
  3. Asymmetric keys
  4. Smart contract
  5. Proof of work
  6. Proof of stake
  7. Proof authority

DLT (Distributed ledger technology) क्या होता है ?

Ledger का मतलब है खाता बही और Distributed ledger technology का मतलब है वितरित खाता बही टेक्नोलॉजी ।

उदाहरण : कोई दुकान में कितना समान आया कितना बिक्री हुआ, कितना फायदा हुआ और कितना घाटा हुआ उन सारे चीजों को एक खाता बही में हिसाब करके रखा जाता है ।

अभी डिजिटल के दुनिया में ये सारे हिसाब को कंप्यूटर में और बड़ी कंपनियों के डाटा को इंटरनेट के सर्वर में रखा जाता है जोकि एक सेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी है ।

मगर DLT की मदद से ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी नेटवर्क से जुड़े हुए हर कंप्यूटर के nodes में ये लेजर सूचीबद्ध होता है और कोई भी चाहे तो उस लेजर को देख सकता है ।

इससे हर किसी के पास उस लेजर यानी डाटा का एक्सेस रहता है और सारे ब्लॉकचेन के द्वारा जुड़े हुए होते हैं जिससे अगर कोई उस डाटा में कुछ भी चेंज करता है तो सबको पता चल जाता है जिससे सुरक्षा बढ़ती है ।

क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में लेजर का मतलव उस क्रिप्टो के ब्लॉकचेन नेटवर्क में जितने भी सारे ट्रांजेक्शन हुए हैं उनका लिस्ट होता हैं जोकि उस ब्लॉकचैन नेटवर्क से जुड़े हुए हर कंप्यूटर के नोड में सूचीबद्ध होता है ।

ब्लॉक (BLOCK) क्या होता है ?

ब्लॉकचैन में जो लेजर होते हैं वो ब्लॉक्स के द्वारा जुड़ कर नोड्स में सूचीबद्ध होते हैं इसीलिए इसे ब्लॉकचैन कहा जाता है और हर ब्लॉकचेन में कोई नया ब्लॉक डाल ने पर रिवॉर्ड के रूप में कुछ crypto currency या फिर Ledger maintainence fee मिलता है ।

एक ब्लॉक में 2 पार्ट होते हैं :

  1. Block header
  2. Block data

Block header में पूर्व ब्लॉक का हैश, Nonce, Time stamp और Block data का हैश होता है ।

ब्लॉकचैन नेटवर्क में जितने भी ट्रांजेक्शन होते हैं उनके लिस्ट को Block data कहा जाता है और इसी तरह सारे ब्लॉक आपस में जुड़े हुए होते हैं ।

blockchain CRYPTO CURRENCY
Chaining of blocks in blockchain technology

Asymmetric keys :

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में 2 तरह के keys होते हैं जोकि ट्रांजेक्शन (Transactions) और सिक्योरिटी (Security) के लिए आवश्यक होता है ।

  1. Public key
  2. Private key

Public key क्या है ?

जैसे की नाम से ही पता चलता है की पब्लिक की का मतलब वो key जोकि लोगों के साथ शेयर किया जा सकता है और ये कोई पासवर्ड नहीं है ।

आपके क्रिप्टो वॉलेट (Crypto wallet) यानी जहां पर क्रिप्टो और NFT आदि को रखा जाता है उसके एड्रेस को पब्लिक की कहा जाता है और यह सबके साथ शेयर किया जा सकता है इसमें कोई खतरा नहीं ।

उदाहरण : बिटकॉइन जहां पर रखा जाता है उसे बिटकॉइन वॉलेट कहते हैं और उस वॉलेट की डिजिटल एड्रेस को Public key कहते हैं और ये उस बिटकॉइन सर्वर में स्थित सारे मेंबर्स को पता होता है और कोई अगर आपको बिटकॉइन भेजना चाहे तो आपको उसे अपना Public key देना पड़ता है ।

Private key क्या होता है ?

Private key का मतलब आपके डिजिटल वॉलेट का पासवर्ड होता है जिससे आपके blockchain asset का सिक्योरिटी जुड़ा हुआ होता है ।

अपने Private key कभी भूल कर भी किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए वरना उसके बाद वो व्यक्ति अगर चाहे तो आपके क्रिप्टो करेंसी को चुरा सकता है ।

Private key 64 कैरेक्टर्स का एक हैश कोड (hash code) होता है जिसमें A-F लेटर्स (Letters) और 0-9 नंबर्स (Numbers) होते हैं ।

एक private key का उदाहरण :

Bitcoin wallet private key example
Bitcoin wallet private key example

Smart contract क्या होता है ?

स्मार्ट कांट्रेक्ट एक ब्लॉकचेन पर संग्रहीत डिजिटल अनुबंध होते हैं जो पूर्व निर्धारित नियमों और शर्तों के पूरा होने पर स्वचालित रूप से निष्पादित होते हैं ।

स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट केवल एक ब्लॉकचेन पर संग्रहीत प्रोग्राम होते हैं जो पूर्व निर्धारित शर्तों के पूरा होने पर चलते हैं। वे आम तौर पर एक समझौते के निष्पादन को स्वचालित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं ताकि सभी प्रतिभागी बिना किसी मध्यस्थ की भागीदारी या समय के नुकसान के तुरंत परिणाम के बारे में निश्चित हो सकें। वे एक कार्यप्रवाह को स्वचालित भी कर सकते हैं, जिससे शर्तें पूरी होने पर अगली कार्रवाई शुरू हो जाती है।

Proof of work (POW) क्या होता है ?

Proof of work (POW) क्रिप्टोकुरेंसी ब्लॉकचैन पर होने वाली नई क्रिप्टोकुरेंसी और लेनदेन के निर्माण को सत्यापित और ट्रैक करने का एक तरीका है। बिटकॉइन और एथेरियम सहित क्रिप्टोकरेंसी, अपने संबंधित क्रिप्टो नेटवर्क को बनाए रखने के लिए Proof of work टेक्नोलॉजी पर भरोसा करते हैं ।

Proof of work मतलब वह जो क्रिप्टो करेंसी माइनर्स को दिखाना पड़ता है, और सबसे तेज़ दिखाना पड़ता है, क्रिप्टो के एक ब्लॉक को माइन करने का अधिकार जीतने के लिए।

इसके लिए माइनर्स को एक मुश्किल गणित पजल को हल करना पड़ता है जहां और जो माइनर उस पजल को सबसे पहले हल करता है उसे वो ब्लॉकचैन में एक ब्लॉक आड करता है और उसे रिवॉर्ड के तौर पर कुछ क्रिप्टो करेंसी मिलते हैं ।

हर बार जितने ज्यादा माइनर्स ब्लॉक बनाने की कोशिश कर सकते हैं वो गणित का पजल उतना ही ज्यादा मुश्किल होता जाता है ।

आइए इसे एक उदाहरण से समझ ते हैं :

मान लीजिए कि मैं तीन दोस्तों को बताता हूं कि मैं एक और 100 के बीच की संख्या के बारे में सोच रहा हूं, और मैं उस नंबर को एक कागज के टुकड़े पर लिखकर एक लिफाफे में सील कर देता हूं। मेरे दोस्तों को सटीक संख्या का अनुमान लगाने की ज़रूरत नहीं है; उन्हें किसी भी संख्या का अनुमान लगाने वाला पहला व्यक्ति होना चाहिए जो उससे कम या उसके बराबर हो। और उन्हें कितने अनुमान मिलते हैं इसकी कोई सीमा नहीं है।

मान लीजिए कि मैं संख्या 33 के बारे में सोच रहा हूं। यदि मित्र A 35 का अनुमान लगाता है, तो वे हार जाते हैं क्योंकि 35 > 33। यदि मित्र B का अनुमान 29 और मित्र C का अनुमान 25 है, तो वे दोनों सैद्धांतिक रूप से 29 < 33 के कारण व्यवहार्य उत्तर पर पहुंचे हैं। और 25 < 33. मित्र B के लिए कोई “अतिरिक्त क्रेडिट” नहीं है, भले ही B का उत्तर 33 के लक्षित उत्तर के करीब था। अब कल्पना कीजिए कि मैं “अनुमान लगा सकता हूं कि मैं किस संख्या के बारे में सोच रहा हूं” प्रश्न, लेकिन मैं ‘ मैं सिर्फ तीन दोस्तों से नहीं पूछ रहा हूं, और मैं 1 और 100 के बीच की संख्या के बारे में नहीं सोच रहा हूं ।

बल्कि, मैं लाखों होने वाले माइनर्स से पूछ रहा हूँ, और मैं एक 64-अंकीय हेक्साडेसिमल संख्या के बारे में सोच रहा हूँ। अब आप देखते हैं कि सही उत्तर का अनुमान लगाना बहुत कठिन होगा। यदि बी और सी दोनों एक साथ उत्तर देते हैं, तो सिस्टम टूट जाता है ।

Proof Of Stake (POS) क्या होता है ?

proof of work की तरह Proof of stake भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में सुरक्षित तरीके से ब्लॉक तैयार करने का विकल्प टेक्नोलॉजी है ।

प्रूफ-ऑफ-स्टेक एक क्रिप्टोक्यूरेंसी सर्वसम्मति तंत्र है जो लेनदेन को संसाधित करने और ब्लॉकचेन में नए ब्लॉक बनाने के लिए है। एक सर्वसम्मति तंत्र एक वितरित डेटाबेस में एंट्री को मान्य करने और डेटाबेस को सुरक्षित रखने की एक विधि है । क्रिप्टो करेंसी के मामले में, डेटाबेस को ब्लॉकचेन कहा जाता है – इसलिए सर्वसम्मति तंत्र ब्लॉकचेन को सुरक्षित करता है ।

बहुत से नए क्रिप्टो करेंसी अभी Proof of stake टेक्नोलॉजी के आधार पर भी अपने ब्लॉकचेन नेटवर्क को सुरक्षित बना रहे हैं ।

Proof Of Authority (POA) क्या होता है ?

Proof Of Authority (POA) एक एल्गोरिथम है जिसका उपयोग ब्लॉकचेन के साथ किया जाता है जो हिस्सेदारी के रूप में पहचान के आधार पर एक आम सहमति तंत्र के माध्यम से तुलनात्मक रूप से तेजी से ट्रांजेक्शन करता है। POA का उपयोग करने वाला सबसे उल्लेखनीय मंच ब्लॉकचेन (Blockchain) है।

POA एल्गोरिथम में हर ट्रांजेक्शन को परख ने के लिए मॉनिटर्स होते हैं जिन्हें वैलीडेटर्स (validators) कहा जाता है और उनके अनुमति के बिना कोई भी ट्रांजेक्शन को लेके ब्लॉक बनाना संभव नहीं है और कोई भी ब्लॉकचैन का मेंबर अगर चाहे तो एक validator बन सकता है ।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग क्या है ?

इंटरनेट ने हमें सबकुछ दिया है सिवाए प्राइवेसी और सिक्योरिटी क्योंकि हर कंपनी के द्वारा हमारे बारे में डाटा को दुरुपयोग किया जाता है और आए दिन स्कैमर्स (Scammers) के द्वारा hacks और froud cases देखने को मिलते हैं ।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को अभी दुनिया का सबसे सुरक्षित टेक्नोलॉजी में से एक माना जा रहा है की इसको हैक करना लगभग ना मुमकिन है और इसीलिए बहुत से क्षेत्र में ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का यूज किया जा रहा है जैसे की और आगे और भी ज्यादा यूज होगा जैसे की :

  1. Crpto currency
  2. NFT (Non Fungible Token)
  3. Metaverse
  4. Business
  5. Health sector (Hospitals)
  6. Finanance (Banks)
  7. Education (Colleges)
  8. Government

क्या ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में हैक (Hack) हो सकता है ?

ये कहना गलत होगा की blockchain टेक्नोलॉजी को बिलकुल भी हैक नहीं किया जा सकता है पर एक बड़ा ब्लॉकचेन नेटवर्क जैसे की बिटकॉइन को हैक करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है और इसके लिए बहुत ही ज्यादा कम्प्यूटिंग पावर (Computing power), बहुत ज्यादा बिजली और धनराशि की भी अवश्यकता होगी और उसके बाद भी उस ब्लॉकचेन नेटवर्क को हैकर पूरा कंट्रोल नहीं कर पाएगा ।

अगर कोई हैकर किसी ब्लॉकचैन नेटवर्क के सर्वर से जुड़े हुए 51% कंप्यूटर्स नोड्स को कंट्रोल करपाए तभी वो उस ब्लॉकचेन नेटवर्क को हैक कर पाएगा जिसे 51% अटैक (51% attack) कहा जाता है ।

अगर कोई हैकर 51% हैक कर लेता है तो वो नए ब्लॉक बनाने से माइनर्स को रोक देगा जिससे ट्रांजेक्शन के रिकॉर्ड्स को ब्लॉक में कन्वर्ट नहीं किया जा सकेगा और क्रिप्टो माइनिंग भी नहीं हो पाएगा ।

51% हैक के बाद डबल स्पेंडिंग (Double spending) का भी खतरा बढ़ जाता है जिससे हैकर के द्वारा एक ही क्रिप्टो करेंसी को दो बार यूज कर सकता है या बेच सकता है ।

मगर ब्लॉक चैन जितना बड़ा होगा उसे हैक करना उतना है मुश्किल होगा और Proof of work और proof of stake जैसी अल्जोरिथिम की वजह से भी सुरक्षा और भी ज्यादा बढ़ जाती है ।

कोईभी Private key को हैक करना बहुत ही मुश्किल होता है क्योंकि एक बैंक पिन का अनुमान लगाने की ऑड्स: 1/10,000 होता है मगर एक बिटकॉइन Private key का अनुमान लगाने की बाधाएं: 1/10,000,000,000,000,000,000,000,000,000,000,00 होती है

कोई क्रिप्टो करेंसी के किसी एक ब्लॉकचैन नेटवर्क में 51% हैक करने के लिए कितना खर्चा आएगा वो आप यहां देख सकते हैं :

पर कई बार देखा गया है की हैकर्स लोगों के मोबाइल या कंप्यूटर्स को स्कैम करके हैक कर लेते हैं और जब भी आप अपना Private key स्क्रीन के ऊपर टाइप करते हैं उन्हें पता चल जायेगा और वो आपके क्रिप्टो या NFT को चुरा सकते हैं इसीलिए कोई भी अनजाना लिंक (links) के ऊपर क्लिक नहीं करना चाहिए ।

निष्कर्ष :

ब्लॉकचेन एक उभरता हुआ सुरक्षित टेक्नोलॉजी है और दिन प्रतिदिन इसकी टेक्नोलॉजी और भी ज्यादा सुरक्षित होता जाता है और शायद वो दिन दूर नहीं जब सारे आम लोग भी रोजमर्रा के जिंदगी में ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी का यूज करेंगे आपका ब्लॉकचेन के बारे में क्या खयाल है हमें कॉमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ।

सामान्य प्रश्न (FAQ)-

क्या Blockchain और Bitcoin दोनों एक ही चीज है ?

नहीं.. क्योंकि ब्लॉकचेन चैन एक टेक्नोलॉजी जिसका उपयोग करके बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी को बनाया गया है ।

blockchain technology कितने टाइप के होते हैं ?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी मुख्य रूप से 2 प्रकार के होते हैं :
1. permission less blockchain
2. Permissioned blockchain

क्या Blockchain और DLT दोनो एक ही चीज है ।

नहीं बल्कि DLT अल्जोरिथिम का यूज कर के ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को बनाया जाता है ।

DLT का फुलफॉर्म क्या है ।

DLT का फुलफॉर्म है Distributed ledger technology

क्या ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी सुरक्षित है ?

हां… ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी को अभी तक के कुछ सबसे सुरकाशित टेक्नोलॉजी में से एक माना जाता है ।

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नमस्कार, मेरा नाम प्रकाश कुमार नायक है, में एक लेखक और वेबसाइट डेवलपर हूँ। फाइनेंस में मेरा पिछले 3 सालों का अनुभव है और मुझे नई चीजें शिखना और कंटेंट बनाना पसंद है। आशा करता हूँ हमारे आर्टिकल्स आपकी नॉलेज को ग्रो करने में सहायक होंगे। यहां आने के लिए धन्यवाद।

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