
हाल ही के कुछ वषों में भारत में शेयर बाजार में निवेश का क्रेज बहुत बढ़ा है, लोग अच्छे रिटर्न के लालच में मार्किट में आ तो जाते हैं लेकिन सही जानकारी के कमी की बजह से अपना घाटा कर लेते हैं। एक अच्छे कंपनी में निवेश करना आपको मालामाल बना सकता है वहीँ पर एक बुरे शेयर का चुनाव आपके पैसे डूबा भी सकता है।
तो चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको उन कुछ महत्वपूर्ण फैक्टर्स के वारे में बताएँगे जिन्हे आपको शेयर खरीदने से पहले जरूर देखना चाहिए ताकि आप शेयर बाजार निवेश में सही निर्णय ले सकें।
शेयर खरीदने से पहले देखे जाने वाले महत्वपूर्ण कारक
- फाइनेंसियल स्टेटमेंट
- कंपनी का बिज़नेस मॉडल
- उद्योग की प्रवृत्तियां
- मैनेजमेंट टीम
- वैल्यूएशन
- रिस्क
- पिछले वर्षों में कंपनी का प्रदर्शन
- विश्लेषकों के रेटिंग और रिपोर्ट
- समाचार और प्रेस विज्ञप्ति
- निवेश समय अबधि
कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करने के कुछ जरुरी टर्म्स :
- मार्किट कैपिटलाइजेशन
- रेवेन्यू और प्रॉफिट
- रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE)
- रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI)
- P/E Ratio
- कंपनी के ऊपर कर्ज की मात्रा
- डेब्ट और एसेट्स का रेश्यो
- कैश फ्लो
- शेयर होल्डिंग पैटर्न
- डिविडेंड
फाइनेंसियल स्टेटमेंट
किसी कंपनी के फाइनेंसियल स्टेटमेंट यानी वित्तीय विवरणों की समीक्षा, जैसे कि उसकी आय विवरण, बैलेंस शीट और कैश फ्लो स्टेटमेंट, कंपनी के वित्तीय स्वास्थ्य और प्रदर्शन के वारे में बेहतर दृश्टिकोण प्रदान कर सकते हैं। जैसे की किसी कंपनी में राजस्व और मुनाफे में लगातार वृद्धि के संकेतों के साथ-साथ कम लोन का होना एक मजबूत बैलेंस शीट को दर्शाता है।
कंपनी का बिज़नेस मॉडल
कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझें और समझें कि यह पैसे कैसे कमाती है। एक मजबूत ब्रांड, पेटेंट या विशेष डिस्ट्रीब्यूशन एग्रीमेंट जैसे स्थायी एडवांटेज रखने वाली कंपनियों की तलाश करें।
उद्योग की प्रवृत्तियां
उस उद्योग पर शोध करें जिसमें कंपनी वर्तमान और भविष्य के ट्रेंड को समझ कर काम करती है। बढ़ते क्षेत्र के उद्योगों में काम करने वाली कंपनियों की तलाश करें, क्योंकि भविष्य में उन्हें विकास करने का अनुभव होने की अधिक संभावना है।
मैनेजमेंट टीम
किसी कंपनी का बर्तमान और भबिष्य उसके मैनेजमेंट टीम के ऊपर निर्भर करती है इसलिए कंपनी की मैनेजमेंट टीम और उनके ट्रैक रिकॉर्ड पर शोध करें। अच्छा परिणाम देने के मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड के साथ-साथ उद्योग के लिए प्रासंगिक अनुभव और योग्यता वाली अच्छे मैनेजमेंट टीम वाले कंपनियों की तलाश करें।
वैल्यूएशन
कंपनी के शेयर की कीमत की तुलना उसकी कमाई, राजस्व, बुक वैल्यू और अन्य प्रासंगिक वित्तीय मेट्रिक्स से करें। यह एनालिसिस करके स्टॉक के लिए अधिक भुगतान करने से बचें, और ध्यान रखें कि स्टॉक का प्राइस उचित मूल्यांकन पर ट्रेड कर रहा है।
रिस्क
कंपनी के रिस्क प्रोफाइल का आकलन करें। उन कंपनियों की तलाश करें जिनके ऊपर कम कर्ज है और जिनके पास अच्छा कॅश फ्लो का एक विविध राजस्व धारा है।
पिछले वर्षों में कंपनी का प्रदर्शन
शेयर प्राइस के ग्राफ से कंपनी के द्वारा पिछले कुछ वर्षों में किये गए प्रर्दशन को अनुध्यान करें जिससे भबिष्य में कंपनी के ग्रोथ का एक अनुमान लगाया जा सकता है , लेकिन उसके साथ बाजार की स्थिति को भी ध्यान में रखें क्यूंकि हो सकता है की पिछले सालों में चलने वाला बिज़नेस अभी के मार्किट के स्थिति के लिए अनुकूल ना हो।
विश्लेषकों के रेटिंग और रिपोर्ट
कई चैनल और वेबसाइट पर अनुभबी विश्लेषकों के द्वारा कंपनियों के शेयर प्राइस के ऊपर सुझाव दिए जाते हैं, खुदके एनालिसिस के साथ उनके टिपणी पर भी धान दे सकते हैं, मगर किसी आम व्यक्ति के बातों में आके अपने इन्वेस्टमेंट का निर्णय ना लें जिससे पैसे डूबने की भी सम्भावना हो सकती है।
समाचार और प्रेस विज्ञप्ति
इन्वेस्टमेंट में सही निर्णय लेने के लिए न्यूज तथा समाचार देखना और पढ़ना बहुत जरुरी होता है जिससे देश और बाजारों की परिस्थिति पता चल पाता है और कंपनियों के ऊपर उसका क्या प्रभाव पड़ रहा है या आगे पड़ेगा वो अंदाजा लगाया जा सकता है।
निवेश की समय अबधि
आप कितने समय तक निवेश करना कहते हैं यह सुनिश्चित करना और उसी हिसाब से स्टॉक्स का एनालिसिस करना बहुत जरुरी होता है। आम तौर पर अच्छे कंपनियों में लम्बे समय तक निवेशित रहना अच्छा होता है मगर कभी कभी कुछ कंपनियों में सॉर्ट टर्म ग्रोथ के आशार होते हैं जिनका फायदा उठाके कुछ हफ्तों, महीनों या सालों में भी अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है।
फंडामेंटल एनालिसिस में जरुरी टर्म्स :

किसी भी कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस करने के लिए कुछ जरुरी टर्म्स को हमने निचे उल्लेख किया है जिनका उपयोग करके आप कंपनी के आर्थिक स्थिति के वारे में सही आंकड़े निकाल सकते हैं। शेयर मार्किट में लिस्टेड किसी भी कंपनी में निम्नलिखित आंकड़ों को आप फ्री में Tickertape पर जाँच कर सकते हैं।
मार्किट कैपिटलाइजेशन
कंपनी के मार्किट कैपिटलाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण की समीक्षा करें, जो स्टॉक के कंपनी के बकाया शेयरों का कुल मूल्य होता है। बाजार पूंजीकरण की गणना मौजूदा बाजार मूल्य प्रति शेयर द्वारा टोटल शेयरों की संख्या को गुणा करके की जाती है।
एक साधारण नियम को हम समझ सकते हैं की ज्यादा बड़ी और अच्छी कंपनियों में निवेश करने से घाटा होने का खतरा कम होता है मगर ऐसी कम्पनियाँ कम और कंसिस्टेंट रिटर्न देते हैं और वहीं पर छोटी कंपनियां में रिस्क ज्यादा होता है मगर इनमें अच्छे रिटर्न मिलने के आशार भी ज्यादा होता है।
रेवेन्यू और प्रॉफिट
शेयर मार्किट से रिटर्न तभी मिलता है जब आपके निवेश किये गए कंपनियां अच्छी प्रॉफिट कमा रही हो इसलिए इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। कंपनी के हर साल के रेवेन्यू , EBITDA और नेट प्रॉफिट आदि के वारे में उसके फाइनेंसियल स्टेटमेंट में दिया गया होता है।
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE)
इक्विटी यानि अपनी शेयर्स पर कंपनी की रिटर्न (ROE) की समीक्षा करें, जो इस बात को दर्शाता है कि कोई कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के निवेश पूंजी का उपयोग अपना लाभ उत्पन्न करने के लिए कितनी प्रभावी ढंग से कर रही है। उच्च ROE वाली कंपनियों की तलाश करें, क्योंकि यह इंगित करता है कि कंपनी मुनाफा कमाने के लिए अपनी संपत्ति का कुशलता से उपयोग कर रही है।
रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI)
इन्वेस्टमेंट पर कंपनी का रिटर्न (ROI) की समीक्षा करें, जो किसी कंपनी में निवेश के ऊपर लाभप्रदता को दर्शाता है। उच्च ROI वाली कंपनियों की तलाश करें, क्योंकि यह इंगित करता है कि कंपनी इसमें निवेश की गई पूंजी पर उच्च प्रॉफिट उत्पन्न कर रही है।
P/E Ratio
कंपनी के Price-to-earnings ratio (P/E Ratio) को देखें, जो कि कंपनी के शेयर की कीमत और प्रति शेयर पर आय का अनुपात है। एक कम P/E Ratio इंगित करता है कि स्टॉक का मूल्यांकन कम है, जबकि एक उच्च P/E Ratio इंगित करता है कि स्टॉक ओवरवैल्यूड है।
कंपनी के ऊपर कर्ज की मात्रा (Liabilities)
कंपनी चाहे जितना भी अच्छा हो मगर ज्यादा लोन कंपनी के ग्रोथ को घटा देता है और प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा लोन को चुकाने के लिए लग जाता है जो लॉन्ग टर्म में कंपनी के लिए घातक हो सकता है। इसिलए शेयर खरीदने से पहले कम्पनी के ऊपर कितना कर्ज (Liabilities) है जरूर चेक करें।
शार्ट टर्म और लॉन्ग टर्म 2 तरह के कर्ज होते हैं, जिस लोन को एक साल के अंदर चुकाना होता है उसे शार्ट टर्म और जिसे एक साल के वाद चुकाना होता है उसे लॉन्ग टर्म लिएबिएलिटी कहा जाता है।
डेब्ट और एसेट्स का रेश्यो
कंपनी के डेट-टू-एसेट रेशियो की समीक्षा करें, जो कि कंपनी के कुल कर्ज का उसकी कुल संपत्ति से अनुपात होता है। कम डेट-टू-एसेट रेशियो वाली कंपनियों की तलाश करें, क्योंकि यह इंगित करता है कि कंपनी के पास अपनी संपत्ति के सापेक्ष कम स्तर का कर्ज है। और भबिष्य में अगर कंपनी डूबता भी है तो भी आपके पैसे नहीं डूबेंगे।
कैश फ्लो
कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट की विश्लेषण करें, जो कंपनी में आने और जाने वाली पैसों की मात्रा को दर्शाता है। पॉजिटिव नकदी प्रवाह वाली कंपनियों की तलाश करें, क्योंकि यह इंगित करता है कि कंपनी अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त पूंजी प्रदान करने में सक्षम है।
शेयर होल्डिंग पैटर्न
कंपनी के शेयरों के होल्डिंग पैटर्न को समझें, जिसे कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट से या कंपनी की नियामक फाइलिंग को देखकर प्राप्त किया जा सकता है। लंबी अवधि के निवेशकों या संस्थानों के शेयरों के उच्च प्रतिशत वाली कंपनियों की तलाश करें, क्योंकि यह इंगित करता है कि कंपनी के पास एक मजबूत निवेशक आधार है।
डिविडेंड
कई कंपनियां अपने शेयर होल्डर्स को अपने प्रॉफिट में से कुछ हिस्सा डिविडेंड के रूप में देते हैं ताकि लोग ज्यादा दिन तक उनके कंपनी में निवेशित रहें जो की उनके निवेशकों के लिए एक एक्स्ट्रा इनकम की तरह होता है तो आप भी निवेश करने से पहले कंपनी डिविडेंड दे रहा है या नहीं वो चेक कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आखिर में हम आपको यह सलाह दीना चाहेंगे की कभी भी किसी एक अच्छा कारक के ऊपर अपने निवेश का निर्णय ना लें और सिर्फ किसीके कहने से कहीं पर भी पैसे ना लगाएं, अपना एनालिसिस खुद करें। अगर आपको कंपनियों के एनालिसिस करने में मुश्किल होता है या समय नहीं मिलता तो आप अपना पूंजी की म्यूच्यूअल फण्ड, इंडेक्स फण्ड या ETF आदि में निवेश कर सकते हैं। धन्यवाद।
FAQ :
क्या शेयर बाजार में पैसे डूब सकते हैं ?
हाँ, अगर बिना एनालिसिस के किसी हाई रिस्क कंपनी या खराब पैनी स्टॉक में पैसे लगाया जाए तो पैसे डूबने के आसार होते हैं।
क्या पैनी स्टॉक में पैसे लगाना सही है ?
पैनी स्टॉक्स आम तौर पर छोटी कंपनियां होती हैं जिनके वारे में कुछ कहा नहीं जा सकता और इनमें निवेश जोखिम भरा हो सकता है मगर इन कंपनियों के बढ़ने के आसार भी सबसे ज्यादा होते हैं।