
Depreciation और Amortization दोनों सब्दों को कंपनी के जितने भी एसेट्स (assets) या प्रॉपर्टी यानी जो संपत्ति होते हैं उनका वैल्यू जो सालों साल घटता है उसे हिसाब करने के लिए उपयाग किया जाता है ।
Depreciation और Amortization की संपूर्ण जानकारी से पहले ये जानना जरूरी है की कोई कंपनी में कितने प्रकार के एसेट्स (assets) यानी प्रॉपर्टी होते हैं ।
कोई भी कंपनी में 2 प्रकार के एसेट्स होते हैं :
- टांगिबल एसेट्स (Tangible Assets)
- इंटेंजिबल एसेट्स (Intangible Asset)
टांगिबल एसेट्स (Tangible Assets) क्या होते हैं ?
टांगिबले एसेट्स का मतलब कंपनी के वो फिजिकल प्रॉपर्टी जिनको कंपनी प्रोडक्शन और ट्रांसपोर्ट आदि कार्य के लिए यूज करता है ।
उदाहरण : एक कंपनी जो tv बनाती है उसमें जो मैसिन होते हैं जो tv बनाने के लिए यूज होते हैं, जमीन, फैक्ट्री, ऑफिस और ट्रांसपोर्ट में यूज होने वाली गाडियां आदि सारे फिजिकल प्रॉपर्टी को उस कंपनी का टांगिबल एसेट्स (Tangible Assets) कहा जाता है ।
इंटेंजिबल एसेट्स (Intangible Asset) क्या होते हैं ।
कंपनी के वो नॉन फिजिकल प्रॉपर्टी (Non physical properties) जिन्हे हम देख नहीं सकते मगर कंपनी या बिजनेस में ये एसेट्स का महत्वपूर्ण भूमिका होता है उन्हे इंटेंजिबल एसेट्स (Intangible Assets) कहा जाता है ।
इंटेंजिबल एसेट्स के उदाहरण :
- Patents
- trademarks
- copyrights
- domain names
- Licensing agreements
- Service contracts
- Lease agreements
- Franchise agreements
- Broadcast rights
- Patented Computer software
Depreciation का मतलब क्या है ?
Depreciation को हिंदी में मूल्यह्रास होना कहा जाता है । कंपनी के जो टांगिबल एसेट्स होते हैं उनका समय के साथ साथ वैल्यू कम हो जाता है और इसिको Depreciation कहा जाता है । और ऐसी एसेट्स को Depreciating assets कहा जाता है ।
उदाहरण : मान लो एक कंपनी में ट्रांसपोर्ट के लिए 50,00,000 में एक ट्रक खरीदा गया तो अगले साल उस ट्रक को अगर बेचा जाए तो उसका दाम कम होगा और जैसे जैसे साल बीत ते जायेंगे उस ट्रक का दाम भी घटता जायेगा जिसे Depreciation कहा जाता है और आखिर में उस ट्रक का दाम एक मिनिमम अमाउंट पर रुक जायेगा जिसको की स्क्रैप वैल्यू (Scrap Value) कहा जाता है ।
Note – लैंड (Land) यानी जमीन और गोल्ड (Gold) जैसी प्रॉपर्टी Depreciating Tangible assets नहीं बल्कि appreciating tangible assets होते हैं क्यों की समय के साथ साथ इनका मूल्य घटता नहीं बल्कि बढ़ता है।
Amortization का मतलब क्या है ?
कोई कंपनी के एनालिसिस में अमॉर्टाइजेशन का मतलब एक विशिष्ट अवधि में कंपनी के जो इंटेंगिबल एसेट्स (Intangible Assets) होते हैं उनकी की लागत को समान क्रम से फैलाने की एक विधि है, जो आमतौर पर इसके उपयोगी जीवन का क्रम होता है ।
उदाहरण : मान लें कि कोई कंपनी एक लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 3,00,000 रूपये खर्च करती है, और उस लाइसेंस की अवधि 10 वर्षों में समाप्त हो जाएगी। क्योंकि लाइसेंस एक इंटेंजिबल प्रॉपर्टी है, इसे 10 साल की अवधि के लिए इसकी समाप्ति तिथि तक परिशोधित किया जाना चाहिए।
Amortization को हिसाब करने के लिए straight-line method को यूज किया जाता है जो कि समय के साथ एक सुसंगत दर पर किसी व्यय पर लागत वसूल करने की एक हिसाब है ।
लाइसेंस के लिए कंपनी का वार्षिक परिशोधन व्यय 30,000 रूपये (अर्थात 3,00,000/10 वर्ष) होगा, जिसका अर्थ है कि उस लाइसेंस का वैल्यू में हर साल 30,000 रूपये का गिरावट होगा और 10 साल बाद लाइसेंस का अवधि खत्म हो जाएगा यानी लाइसेंस एक्सपायर हो जायेगा ।
Scrap Value या Salvage Value का मतलब क्या होता है ?
स्क्रैप वैल्यू मतलब एक टांगिबल एसेट्स (Tangible Assets) के व्यक्तिगत घटकों का मूल्य है जब एसेट को यूज करने योग्य नहीं माना जाता है इसका मतलब कोई एसेट को सालों साल यूज करने के बाद उसका मिनिमम अमाउंट जिसके नीचे उस एसेट का मूल्य नहीं घट सकता है ।
Depreciation और Amortization का कैलकुलेशन मेथड्स :
- अमॉर्टाइजेशन को Straight Line Method से कैलकुलेट किया जाता है क्योंकि इंटेंजिबल एसेट्स का Scrap Value नहीं होता है ।
- Depreciation के लिए कभी कभी Straight Line Method का यूज किया जाता है मगर अधिक तर Accelerated Depreciation method का उपयोग किया जाता है ।
Straight Line Method :
स्ट्रेट लाइन मैथड मूल्यह्रास यानी Depreciation और परिशोधन यानी Amortization की गणना करने की एक मैथड है, जिसका मतलब होता है परिसंपत्ति को खरीदने की तुलना में लंबी अवधि में खर्च करने की प्रक्रिया।
Straight Line Depreciation/Amortization formula :
Straight Line method formula = [Purchase Price of Asset – Salvage Value (Scrap Value)]/ Estimated Useful Life of Asset
कोई भी एसेट के स्क्रैप वैल्यू (Scrap Value) को उस एसेट के खरीदे हुए प्राइस से माइनस करके उस एसेट का एक अंदाजन समय काल के वर्ष के विभाजित करके उस एसेट का Straight Line depreciation या Amortization को हिसाब किया जाता है ।
उदाहरण : मान लो एक एसेट का मूल्य है 100 रूपये जोकि लगभग 10 साल तक चलेगा और आखिर में उस सीट का मिनिमम scrap value 20 रूपये रहेगा
तो उस एसेट का Straight Line Depreciation/Amortization होगा = 100 -20/10=8
इसका मतलब उस एसेट का वैल्यू 10 सालों तक प्रति वर्ष 8 रूपये कम होते जायेगा ।
Accelerated Depreciation method :
Accelerated depreciation एक मूल्यह्रास मैथड है जिसमें एक टांगिबल एसेट अपने बुक वैल्यू को Straight Line depreciation से ज्यादा तेज (accelerated) दर से कम कर देती है ।
Accelerated Depreciation को 2 तरीकों से हिसाब किया जा सकता है :
- Double declining balance method
- Sum of the years’ digits method
Double declining balance formula :
Double declining balance = 2 x Straight-line depreciation rate x Book value at the beginning of the year
उदाहरण : मान लो एक कंपनी ने 1 लाख रुपए में एक मसीन खरीदा जिसका Scrap Value है 10,000 रूपये और ये मसीन 5 सालों तक चलेगा जिसका straight-line depreciation rate है 20% ।
End Of Year | Net Book Value (Beginning Of Year) | Double Declining Balance | Net Book Value (End Of Year) |
1 | ₹100,000 | ₹40,000 | ₹60,000 |
2 | ₹60,000 | ₹24,000 | ₹36,600 |
3 | ₹36,000 | ₹14,400 | ₹21,600 |
4 | ₹21,600 | ₹8,640 | ₹12,960 |
5 | ₹12,960 | ₹2,960 | ₹10,000 |
Sum of the years’ digits method formula :
Applicable percentage (%) = Number of years of estimated life remaining at the beginning of the year / SYD
जहां पर :
SYD = n(n+1) / 2
- SYD stands for sum of the years’ digit
- n = number of years
उदाहरण :मान लो एक कंपनी ने 1 लाख रुपए में एक मसीन खरीदा जिसका Scrap Value है 10,000 रूपये और ये मसीन 5 सालों तक चलेगा जिसका straight-line depreciation rate है 20% ।
End Of Year | Net Book Value (Beginning Of Year) | Remaining Estimated Useful Life | SYD | Applicable Percentage | Depreciation Amount | Net Book Value (End Of Year) |
1 | ₹100,000 | 5 | 15 | 33.33% | ₹30,000 | ₹70,000 |
2 | ₹70,000 | 4 | 15 | 26.67% | ₹24,000 | ₹46,000 |
3 | ₹46,000 | 3 | 15 | 20.00% | ₹18,000 | ₹28,000 |
4 | ₹28,000 | 2 | 15 | 13.33% | ₹12,000 | ₹16,000 |
5 | ₹16,000 | 1 | 15 | 6.67% | ₹6,000 | ₹10,000 |
Depreciation और Amortization का हिसाब क्यों किया जाता है ?
- Depreciation और Amortization का मूल्यांकन कंपनी के Net profit या Net loss का हिसाब रखने के लिए बहुत जरूरी होता है ।
- कंपनी के रेवेन्यू में से EBIT (Earning Before Interest & Tax) को निकाल ने के लिए EBITDA में से Depreciation और Amortization को माइनस करना पड़ता है ।
- Depreciation और Amortization company के Tax Deduction में भी सहायक होते हैं ।
Depletion का मतलब क्या है ?
अगर कोई नेचुरल चीज का परिमाण जो समय के साथ साथ घटता जाता है तो उसे Depletion कहते हैं ?
माइनिंग कंपनियां जैसे की oil and gas, iron, coal आदि में Depletion शब्द का उपयोग किया जाता है ।
उदाहरण : कोयला (coal) कंपनी में माइनिंग की वजह से हर साल कोयला का Depletion होता है ।
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