शेयर मार्केट यानी स्टॉक मार्केट क्या है: स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने के 4 पॉपुलर तरीकेे।

Stock market learning

एक इंसान की अच्छी जमापूंजी उसकी और उसके परिवार की अच्छी भविष्य की नीव होती है और अपने कठिन परिश्रम से कमाए हुए पैसों को बहुत कम ब्याज पर किसी बैंक में रखना आपकी अच्छी भविष्य के लिए एक गलत फैसला हो सकता है।

बैंक में सालाना 2% से लेकर 3% तक का ही ब्याज मिलता है जहां हर साल महंगाई 6% की स्तर से बढ़ रहा है । इसलिए अपने पूरे जमापूंजी को बैंक में रखने का मतलब सिर्फ उसकी मूल्य को घटाने के अलावा और कुछ नही।

इसीलिए अपनी पूंजी को अलग अलग जगहों पर निवेश करना चाहिए जहां पर आपको सालाना 8% से लेकर 20% तक का ब्याज आसानी से मिल सकता है जिससे आपकी जमापूंजी बढ़ने के साथ साथ आपकी उज्ज्वल भविष्य की नीव भी सुरक्षित रहेगा।

इंडिया में अपने पूंजी को अच्छी ग्रोथ से निवेश करने के लिए बहुत सारे विकल्प है जैसे की:

  • शेयर मार्केट (stock market)
  • सरकारी बॉन्ड्स (government bonds)
  • म्यूचुअल फंड (Mutual funds)
  • ELSS (Equity linked saving scheme)
  • Crypto currency
  • रियल एस्टेट (Real estate)
  • गोल्ड (Gold)

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शेयर मार्केट यानी स्टॉक मार्केट क्या है ?

शेयर मार्केट (Share Market) यानी स्टॉक मार्केट (Stock market) एक ऐसे मार्केट को समझा जाता है जो की असल में एक कलेक्शन होता है बहुत से markets और exchanges जहां की रेगुलर ढंग से share की बिक्री और ख़रीदारी की जाती है लोगों के द्वारा। यहाँ पर केवल उन कंपनियों के share की ख़रीदारी और बिक्री होती है जो की शेयर मार्केट में लिस्ट की गयी होती है।

शेयर मार्केट Monday से लेकर Friday तक खुला रहता है । स्टॉक मार्केट सुबह 9am से 3.30pm तक खुला रहता है और कुछ त्योहारों पर स्टॉक मार्केट बंद होता है।

भारत में कंपनियों के शेयर या स्टॉक (stock) को खरीदने के लिए दो तरह के stock exchange हैं।

  1. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)
  2. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE)

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) क्या है ?

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में अभी करीब 16000 छोटे से लेकर बड़ी कंपनियां सूचीबद्ध हैं और NSE की सूचकांक (indices) को निफ्टी (Nifty) कहा जाता है।

NSE एक्सचेंज के अंदर टेक्नोलॉजी,मेटल,हॉस्पिटल, ऑयल एंड गैस,बैंक आदि हर क्षेत्र (sector) के कंपनियां सूचीबद्ध हैं और सबसे अच्छी 50 कंपनियों के प्रदर्शन के अनुसार उन्हें निफ्टी के Top 50 की श्रेणी निफ्टी 50 इंडेक्स (Nifty 50 index) के अंदर सूचीबद्ध किया जाता है।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) क्या है ?

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के अंदर करीब 5000 कंपनियां सूचीबद्ध हैं और इसके सूचकांक को सेंसेक्स (Sensex) कहा जाता है और इसके सर्वोत्तम 30 कंपनियों को सेंसेक्स (Sensex 30) के अंदर सामिल किया जाता है।

निफ्टी और सेंसेक्स के वैल्यू बढ़ने का मतलब भारत का अर्थव्यवस्था(Economy) बढ़ना और इनके गिरने का मतलब भारत का अर्थव्यवस्था गिरना होता है।

स्टॉक मार्केट में निवेश क्यों करें ?

हमारी देश में पूंजी निवेश के लिए बहुत सारे विकल्प होने के बावजूद स्टॉक मार्केट को उनमें से सबसे अच्छा विकल्प में से एक माना जाता है क्यों की स्टॉक मार्केट में आप स्टॉक्स के तौर पे कंपनियों के हिस्सेदारी खरीदते हैं और जैसे जैसे वो कंपनियां ग्रो होती हैं उसीके साथ साथ आपके धनराशि भी ग्रो होती हैं।

अच्छे कंपनियों में लंबे समय के लिए निवेश करना हमेशा अच्छा रहता है और यहां आपको बैंक से 10% से 20% ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।

स्टॉक मार्केट (stock market) में निवेश कैसे करें ?

भारत का स्टॉक मार्केट 31 August 1957 में सुरु हुआथा और तबसे लोग स्टॉक मार्केट में निवेश कर रहे हैं मगर अमेरिका के तुलना में भारत में बहुत कम लोग स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं क्यों की लोगों को इसके बारे में इतनी ज्यादा जानकारी नहीं है, मगर अभी की डिजिटल दुनिया की वजह से दिन प्रति दिन निवेशकों की संख्या बढ़ती ही जा रही है इसीलिए आपको भी इसका हिस्सा जरूर बनना चाहिए।

पुराने जमाने में पेपर्स के रूप में कंपनियों के शेयर खरीदे और बेचे जाते थे मगर अभी कोई भी आसानी से अपने मोबाइल या कंप्यूटर में स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकता है।

स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए एक डीमैट अकाउंट (Demat account) की जरूरत होती है।आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर मैं कोई भी जानेमाने स्टॉक ब्रोकर एप (stocks broker app) में अपनी डीमैट अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं और कोई भी कंपनी के शेयर में निवेश कर सकते हैं और कोई शेयर का दाम कितना बढ़ रहा है या फिर घट रहा है ये अपनी मोबाइल या कंप्यूटर के स्क्रीन पर आसानी से देख सकते हैं।

स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने के 4 पॉपुलर तरीकेे :

  1. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ( Long term investment)
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading)
  3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading)
  4. फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग (Futute & Option/F&O trading)

1. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ( Long term investment) क्या होता है ?

स्टॉक मार्केट में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट करने का मतलब कोई अच्छी कंपनी के शेयर में निवेश करना और कई सालों तक ना बेच ना ताकि भविष्य में वो अच्छी कंपनी ग्रो करने के साथ साथ आपके पूंजी के ऊपर लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिले।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है जहां पर आपके सारे निवेश किए हुए शेयर रहते हैं और ऐसे शेयर की खरीददारी को शेयर की डिलीवरी (Delivery) लेना कहा जाता है।

लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट केलिए कंपनी का फंडामेंटल एनालिसिस किया जाता है जिससे कंपनी का ग्रोथ रेट (growth rate), नेट प्रॉफिट (Net profit), कंपनी ने कितना लोन लिया है (Liabilities), कंपनी का मार्केट वैल्यू (Market value) आदि पता चलता है जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता है की भविष्य में कंपनी का वैल्यू बढ़ेगा या नहीं।

अनुभवी और सफल निवेशकों का मानना होता है की लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट ही पूंजी निवेश का सबसे अच्छा तरीका होता है क्यों की यहां घाटा होने के आसार कम होते हैं पर अगर जल्दबाजी में या किसीसे से सुनके गलत कंपनी में निवेश किया जाए तो बहुत बड़ा घाटा भी हो सकता है इसीलिए अच्छी कंपनियों का निर्धारण जरूरी है।

2. इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) क्या होता है ?

हर दिन स्टॉक मार्केट सुबह 9 am में खुलता है और 3.30 pm को बंद हो जाता है इसी समय के अंदर अगर आप कोईभी शेयर को खरीद के बेच देते हैं तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहा जाता है। इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट (Trading account) की जरूरत होती है जो की आप डीमैट अकाउंट के साथ ही खोल सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में बहुत ही कम समय में स्टॉक खरीद ने और बेचने के सारे फैसले लेना पड़ता है इसीलिए यह बहुत ही कठिन होता है और इसे करने के लिए अनुभव का होना जरूरी है।

इंट्राडे मार्केट से पैसे कमाने के लिए हर दिन के न्यूज के बारे में जानना और देश के आर्थिक परिस्थिति को समझना जरूरी होता है।

कई लोग इंट्राडे ट्रेडिंग को एक फूल टाइम जॉब की तरह करते हैं और हर दिन हजारों लाखों कमाते भी हैं पर शुरुआती निवेशकों को इसमें ज्यादा पैसे नहीं लगाना चाहिए क्यों के बिना जानकारी के पैसे लगाने का मतलब सत्ता खेलना होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग में हर शेयर में डिस्काउंट मिलता है उदाहरण आप 100 रूपए के शेयर को बस 20 रूपए में खरीदे हैं पर शेयर को 3.30 pm से पहले बेचना अनिवार्य होता है अन्यथा स्टॉक ब्रोकर उस स्टॉक को आपकी और से बेच देता है और आपके ऊपर बहुत ज्यादा फाइन भी लगता है।

शॉर्ट सेलिंग (Short selling):

इंट्राडे ट्रेडिंग में शॉर्ट सेलिंग (Short selling) भी बहुत ज्यादा प्रचलित है जहां आप गिरते हुए मार्केट से भी बहुत ज्यादा पैसे कमा सकते हैं।

अगर आपको लगता है की किसी शेयर का दाम घटने वाला है तो आप अपने ब्रोकर को अपनी और से कुछ शेयर बेचने के लिए बोल सकते हैं। उदाहरण के लिए मान लो की किसी शेयर का दाम 100 रूपए है और आपको लगता है उसका दाम कम होके 80 रूपए हो जायेगा तो आप उस शेयर को शॉर्ट सेल कर सकते हैं और अगर उसका दाम गिरा तो उतने ही शेयर खरीद के ब्रोकर वापस कर सकते हैं और प्रॉफिट बुक कर सकते हैं पर अगर शेयर का दाम बढ़ता है तो आपको उतना ही शेयर खरीद के देना पड़ेगा और आप को घाटा भी हो सकता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) में शेयर को खरीद ने और बेचने के लिए ब्रोकरेज(brokerage) लगता है जो की धनराशि का 0.03% se 0.05% या फिर ज्यादा से ज्यादा 20 रूपए होता है।

3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) क्या होता है ?

अगर आप कोई भी शेयर कोई भी शेयर को आज खरीद कर ज्यादा दिन अपने पास ना रख के बस 5 से 10 दिनों के अंदर बेच देते हैं तो उसे स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) कहा जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग में उसी 5 से 10 दिनों में शेयर में आई उछाल का फायदा लिया जाता है और स्विंग ट्रेडिंग में कई लोग हफ्ते में 6% से 10% रिटर्न भी जेनरेट करते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग में मार्केट के स्थिति को समझना बहुत जरूरी है और उसी हिसाब से अगले 5 से 10 दिनों में स्टॉक मार्केट कैसा प्रदर्शन करेगा उसका हिसाब लगाया जाता है क्यों की गलत फैसले से पैसे डूबने के भी आसार होते हैं।

4. फ्यूचर ट्रेडिंग (Future trading) क्या होता है ?

फ्यूचर ट्रेडिंग स्टॉक ट्रेडिंग का एक प्रकार है फ्यूचर ट्रेडिंग में भविष्य में एक पूर्व निर्धारित समय और मूल्य पर स्टॉक को खरिदने या बेचचचने के लिये कानूनी समझौता होता है। फ्यूचर ट्रेडिंग में खरीदार और बेचने वाला दोनो पक्षो का दायित्व होता है कि वह निर्धारित समय पर निर्धारित मूल्य और वस्तु एक दुसरे को सोंप दे जिससे की कांट्रेक्ट पुरा हो सके।

फ्यूचर ट्रेडिंग में फ्यूचर कॉट्रैक्ट को टोकन के रूप में खरीदा और बेचा जाता है। हर कंपनी या इंडेक्स का फ्यूचर टोकन को लोट में खरीदा और बेचा जाता है।

यहां पर भी शॉर्ट सेलिंग(Short selling) करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है और एक शेयर के तुलना में एक फ्यूचर टोकन का कीमत 80% से 90% कम होता है इसलिए बहुत से निवेशक इससे आकर्षित होते हैं।

5. ऑप्शन ट्रेडिंग (option trading) क्या है ?

आपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 100 शेयर 500 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 50 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 20 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।

ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।

फ्यूचर के तरह ही ऑप्शन के कांट्रेक्ट को लोट में खरीदा और बेचा जाता है जोकि ऑप्शन टोकन के रूप में होते हैं।

यहां पर भी शॉर्ट सेलिंग करके अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा सकता है । अगर आपको यह लगता है की शेयर का प्राइस ऊपर जाने वाला है तो आपको कॉल ऑप्शन (Call option/CE) खरीदना होता है और अगर आपको लगता है की शेयर का प्राइस नीचे जाने वाला है तो आपको पुट ऑप्शन (Put option) खरीदना होता है।

शेयर प्राइस के तुलना में ऑप्शन ट्रेडिंग के टोकन बहुत सस्ते होते हैं इसीलिए कम पैसों से भी बहुत ज्यादा रिटर्न कमाया जा सकता है जिस वजह से बहुत से निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं।

स्टॉक मार्केट में अर्थ निवेश करने से पहले इन 5 चीजों का ध्यान जरूर रखें :

  1. सही डीमैट अकाउंट (Demat account) का चयन।
  2. अपनी उम्र और आर्थिक स्थिति के हिसाब से निवेश करने केे लिए सही रकम का चयन।
  3. मार्केट के परिस्थिति को समझ के सही क्षेत्र (sector) के कंपनियों का चुनाव।
  4. कोई भी स्टॉक में निवेश करने से पहले उसका संपूर्ण फंडामेंटल एनालिसिस (fundamental analysis)।
  5. कब पैसा लगाना है और कब स्टॉक बेच देने हैं उसकी जानकारी होना चाहिए।

शेयर मार्केट (Stock market) में भूल कर भी ये गलतियां ना करें :

  • कभी भी किसकी शेयर मार्केट में हुए ज्यादा रिटर्न से प्रभावित होकर लालच में ट्रेडिंग करने के बारे में ना सोचें क्यों की ट्रेडिंग से पैसे कमाने के लिए बहुत ज्यादा समय और अनुभव की आवश्यकता होती है।
  • कभी भी स्टॉक मार्केट को अपना इकलौता इनकम का जरिया बनाने के बारे मैं ना सोचें बल्कि अपने महीने के इनकम का कुछ हिस्सा स्टॉक मार्केट में लगाएं और बाकी पूंजी को अलग अलग जगहों पर निवेश करें । उदाहरण – गोल्ड (Gold), सरकारी बॉन्ड (government bonds), म्यूचुअल फंड (Mutual funds) आदि।
  • किसी से कभी भी कुछ भी सुनके कहीं पर भी अपने पूंजी को निवेश ना करें क्यों की टिप्स (Tips) के चक्कर में बहुत से लोग अपना पैसा डुबाते हैं क्यों की अगर आप के पास कोई टिप आती है तो ये समझ लें की कोई उस शेयर का दाम जानबुच कर बढ़ाना चाहता है और वो शेयर का दाम आगे जाकर गिरने का संभावना है इसीलिए हमेशा खुद शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करना सीखें और करें।
  • कभी भी लालच में अपना सारा जमापूंजी शेयर मार्केट में ना लगाएं क्यों की स्टॉक मार्केट में कभी भी कुछ भी हो सकता है।
  • अगर आप अनुभवी नहीं हैं तो ट्रेडिंग में ज्यादा पैसे ना लगाएं हमेशा अच्छे कंपनी के शेयर में लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट (Long term investment) करें।
  • कभी भी शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए लोन (Loan) लेने के बारे में ना सोचें क्यों की लोन ले के शेयर मार्केट में डूबने वालों की कहानियां बहुत प्रचलित हैं।
  • अगर शेयर मार्केट गिरता है तो हड़बड़ी में कभी भी अच्छे कंपनियों के शेयर ना बेचें क्यों की समय के साथ साथ उनके भाव और भी ज्यादा बढ़ेंगे।

Risk & return table :

चलिए एक औसत अनुमान के तौर पर देखते हैं की स्टॉक मार्केट में कहां पर कितना रिस्क है और अगर सही तरीके से पूंजी निवेश किया जाए तो कहां से कितना रिटर्न मिल सकता है ।

Stock marketRiskProfit or LossExpected return/year
Long term InvestmentLOWMEDiUM15-20%
Intraday tradingHIGHHIGH30-40%
Swing tradingMEDIUMHIGH20-30%
Futures tradingHIGHHIGH30-40%
Option tradingHIGHHIGH30-40%
Short sellingHIGHMEDIUM20-30%
stock market risk & return table

यहां पर जो भी आंकड़े दिए गए हैं वो आप के अनुभव के ऊपर निर्भर करता है आप का अनुभव जितना ज्यादा और तरीका जितना सही होगा आप को रिटर्न उतना ही ज्यादा होगा और वहीं अगर तरीका और फैसला गलत होता है तो उतना है घाटा होने का भी संभावना होता है ।

सामान्य प्रश्न (FAQ) :

महीने के कमाई का कितना प्रतिसत स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए ?

महीने के सारे खर्चों के बावजूद हर एक इंसान को अपनी कमाई का कम से कम 20% हिस्सा हर महीने म्यूचुअल फंड और स्टॉक मार्केट आदि में निवेश करना चाहिए ।

क्या स्टॉक मार्केट में पैसे लगाना जुआ खेलने के बराबर है?

नहीं ..अगर शेयर मार्केट को अच्छे से समझ के पूरी योजना के साथ पूंजी लगाया जाए तो ये बिलकुल भी गलत नहीं है मगर कोई भी चीज जहां आप बिना कुछ समझे सिर्फ किसीसे सुनके पैसे लगाते हैं वो जरूर जुआ है ।

क्या ज्यादा उम्र के लोगों को स्टॉक मार्केट में निवेश करना चाहिए ?

अगर आप का उम्र ज्यादा है तो आपको शेयर मार्केट में ट्रेडिंग बिलकुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि वहां पर लॉस होने का ज्यादा खतरा होता है अगर आप चाहें तो कुछ अच्छे स्टॉक में, ईटीएफ में या फिर म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।

शेयर कब खरीद ना चाहिए ?

शेयर कब खरीदे और बेचे, इसका जवाब सफल निवेशक वारेन बफेट बताते हैं कि आपको उस समय शेयर खरीदना चाहिए जब पूरा स्टॉक मार्केट डरा हुआ हो और उस समय शेयर बेचना चाहिए जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। मतलब वो कहते हैं कि जब मार्केट डरा हुआ हो तो आपको लालची बन जाना चाहिए और जब मार्केट लालची हो तब आपको डर जाना चाहिए।

Crypto ओर Stocks में बेहतर क्या है ?

सालों से लोग स्टॉक मार्केट में निवेश करते आ रहे हैं मगर क्रिप्टो करेंसी और ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी बस कुछ ही सालों पहले आया है मगर crypto से भी बहुत से लोग करोड़पति बने हैं इसीलिए स्टॉक मार्केट भी अच्छा है और अगर आपको ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी समझ में आता है और क्रिप्टो करेंसी के ऊपर आपको विश्वास है तो वो भी एक अच्छा विकल्प है ।

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नमस्कार, मेरा नाम प्रकाश कुमार नायक है, में एक लेखक और वेबसाइट डेवलपर हूँ। फाइनेंस में मेरा पिछले 3 सालों का अनुभव है और मुझे नई चीजें शिखना और कंटेंट बनाना पसंद है। आशा करता हूँ हमारे आर्टिकल्स आपकी नॉलेज को ग्रो करने में सहायक होंगे। यहां आने के लिए धन्यवाद।

6 thoughts on “शेयर मार्केट यानी स्टॉक मार्केट क्या है: स्टॉक मार्केट से पैसे कमाने के 4 पॉपुलर तरीकेे।”

  1. बहुत अच्छा लेख ! आपका बहुत बहुत धन्यवाद,
    शेयर बाज़ार क्या है, के बारे में बहुत अच्छे से समझाया गया है |
    आपके लिखने की styl बहुत शानदार है |

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